kisan andolan kyon kar rahe hain ? किसान आंदोलन क्यों कर रहे हैं?

kisan andolan kyon kar rahe hain : दोस्तों जैसा कि आपको पता है किसान काई वर्ष से अपने कुछ खास मांगो को लेकर आंदोलन कर रही है तो आइए जानते हैं कि उनकी क्या-क्या मांगे हैं और इस मांगो को अगर पूरा कर दिया जाए तो हमारे देश में इसका क्या प्रभाव पड़ेगा साथ ही इसमें क्या फ़ायदा और नुक्सान होगा किसान आंदोलन का मुख्य कारण यह है कि किसान अपनी आय से असंतुष्ट हैं। उनका कहना है कि उन्हें अपनी फसलों के लिए उचित मूल्य नहीं मिल रहा है और उनकी लागत बढ़ रही है। किसानों की कुछ प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं|

  1. MSP पर कानून: किसान MSP पर कानून बनाने की मांग कर रहे हैं ताकि उन्हें अपनी फसलों के लिए उचित मूल्य मिल सके।
  2. लघु किसानों के लिए ऋण माफी: किसान लघु किसानों के लिए ऋण माफी की मांग कर रहे हैं ताकि वे अपने ऋण का भुगतान कर सकें।
  3. बिजली कीमतों में कमी: किसान बिजली कीमतों में कमी की मांग कर रहे हैं ताकि उनकी खेती की लागत कम हो सके।
  4. फसल बीमा योजना में सुधार: किसान फसल बीमा योजना में सुधार की मांग कर रहे हैं ताकि वे प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान से बच सकें।
  5. मंडियों को मजबूत बनाना: किसान मंडियों को मजबूत बनाने की मांग कर रहे हैं ताकि वे अपनी फसलों का उचित मूल्य प्राप्त कर सकें।

किसान ये समस्याओं के साथ कई सालों से आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन अभी तक उनकी मांगें पूरी नहीं हुई हैं। और किसानों का दावा है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं तो वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे।

इसके अलावा, कुछ और कारण भी हैं:

  1. लागत में वृद्धि: किसानों की लागत में वृद्धि हो रही है। इसमें बिजली और उर्वरक की महंगाई, मशीनों की कीमतों में बढ़ोतरी और श्रम की महंगाई शामिल है।
  2. कम आय: किसानों की आय में वृद्धि नहीं हो रही है। इसमें फसलों के कम दाम, महंगाई की बढ़त और मंडियों में भ्रष्टाचार शामिल है।
  3. प्राकृतिक आपदाएं: प्राकृतिक आपदाएं भी एक बड़ी समस्या हैं। सूखा, बाढ़ और हैल आदि किसानों की फसलों को प्रभावित करती हैं।
  4. सरकारी नीतियाँ: किसानों का कहना है कि सरकारी नीतियाँ उनके लिए प्रभावी नहीं हैं। वे मंडियों को मजबूत बनाने और MSP को बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से कार्रवाई की अपेक्षा कर रह
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2.किसान आंदोलन के बारे में भारत सरकार का स्टैंड इस प्रकार है: kisan andolan kyon kar rahe hain

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  1. सरकार किसानों की चिंताओं को समझती है और उनकी मांगों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।
  2. सरकार ने एमएसपी पर कानून बनाने की मांग को स्वीकार किया है और इस पर काम चल रहा है।
  3. सरकार ने लघु किसानों के लिए ऋण माफी की घोषणा की है।
  4. सरकार बिजली कीमतों में कमी करने के लिए काम कर रही है।
  5. सरकार फसल बीमा योजना में सुधार करने के लिए काम कर रही है।
  6. सरकार मंडियों को मजबूत बनाने के लिए काम कर रही है।
  7. सरकार ने किसानों से अपना आंदोलन समाप्त करने की अपील की है और कहा है कि वह उनकी मांगों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।

हालांकि, किसान सरकार के स्टैंड से संतुष्ट नहीं हैं। उनका कहना है कि सरकार ने अब तक उनकी मांगों को पूरा करने के लिए कोई स्पष्ट कदम नहीं उठाया है। किसानों ने कहा है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे।

सरकार और किसानों के बीच पत्थरगमी स्थिति बन गई है। यह देखना बाकी है कि सरकार किसानों की मांगों को पूरा करने के लिए कौन-कौन से कदम उठाती है और किसान आंदोलन कब समाप्त होता है।

3.किसान आंदोलन के बारे में जनता की राय |

किसान आंदोलन के बारे में जनता की राय विभाजित है। कुछ लोग किसानों का समर्थन करते हैं और उनकी मांगों को जायज मानते हैं। उनका कहना है कि किसानों को उनकी फसलों के लिए उचित मूल्य मिलना चाहिए और उनकी लागत कम होनी चाहिए।

कुछ लोग किसानों का विरोध करते हैं और उनका कहना है कि आंदोलन देश के लिए हानिकारक है। उनका कहना है कि आंदोलन से अर्थव्यवस्था को नुकसान हो रहा है और यह सामाजिक अशांति पैदा कर सकता है।

कुछ लोग किसानों और सरकार के बीच समझौता चाहते हैं। उनका कहना है कि सरकार को किसानों की मांगों को गंभीरता से लेना चाहिए और उनके समाधान के लिए प्रयास करना चाहिए।

यहां किसान आंदोलन के बारे में जनता की राय के कुछ सामान्य विचार दिए गए हैं:

समर्थक:

  • किसानों को उनकी फसलों के लिए उचित मूल्य मिलना चाहिए।
  • किसानों की लागत कम होनी चाहिए।
  • सरकार को एमएसपी पर कानून बनाना चाहिए।
  • सरकार को लघु किसानों के लिए ऋण माफी की घोषणा करनी चाहिए।

विरोधी:

  • आंदोलन देश के लिए हानिकारक है।
  • आंदोलन से अर्थव्यवस्था को नुकसान हो रहा है।
  • आंदोलन सामाजिक अशांति पैदा कर सकता है।
  • किसानों को अपना आंदोलन समाप्त करना चाहिए।

तत्स्थ:

  • सरकार को किसानों की मांगों को गंभीरता से लेना चाहिए।
  • सरकार को किसानों के साथ बातचीत करनी चाहिए।
  • सरकार को किसानों और सरकार के बीच समझौता कराने का प्रयास करना चाहिए।

किसान आंदोलन भारत के लिए एक बड़ी समस्या है। यह देखना बाकी है कि सरकार किसानों की मांगों को पूरा करने के लिए क्या कदम उठाती है और आंदोलन कब समाप्त होता है।


3.यदि सरकार किसानों की मांगों को स्वीकार कर लेती है, तो इसके देश और देशवासियों पर कई तरह के प्रभाव पड़ सकते हैं, जिनमें कुछ सकारात्मक और कुछ नकारात्मक पहलू शामिल हैं.

संभावित लाभ:

  • किसानों की आय में वृद्धि: उचित एमएसपी और अन्य सहायता से किसानों की आय बढ़ने की उम्मीद है। इससे उनकी क्रय शक्ति में वृद्धि होगी, जिससे उपभोग और अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।
  • किसानों का सशक्तीकरण: बेहतर आय और समर्थन के साथ किसान अधिक आत्मनिर्भर बनेंगे और अपने भविष्य के प्रति अधिक आश्वस्त होंगे।
  • ग्रामीण विकास को बढ़ावा: किसानों की समृद्धि से ग्रामीण क्षेत्रों में विकास को गति मिलेगी और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
  • कृषि का आधुनिकीकरण: कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ने और सरकारी सहायता मिलने से कृषि उद्योग का आधुनिकीकरण हो सकता है, जिससे उत्पादकता और दक्षता में वृद्धि होगी।
  • खाद्य सुरक्षा में सुधार: किसानों की बेहतर आय और उत्पादकता से खाद्य सुरक्षा में सुधार हो सकता है और देश में भूख और कुपोषण की समस्या कम हो सकती है।

संभावित नुकसान:

  • सरकारी खर्च में वृद्धि: एमएसपी लागू करने, ऋण माफी देने और अन्य सब्सिडी प्रदान करने से सरकारी खर्च में वृद्धि हो सकती है, जिससे राजकोषीय घाटा बढ़ सकता है। इससे मुद्रास्फीति बढ़ने और ब्याज दरों में वृद्धि होने का खतरा भी हो सकता है।
  • उपभोक्ताओं पर बोझ: एमएसपी बढ़ने से खाद्यान्न और अन्य कृषि उत्पादों की कीमतें बढ़ सकती हैं, जिससे उपभोक्ताओं, विशेष रूप से गरीबों पर बोझ बढ़ सकता है।
  • अन्य क्षेत्रों पर प्रभाव: कृषि क्षेत्र को मिलने वाली सब्सिडी और समर्थन से अन्य क्षेत्रों, जैसे विनिर्माण और सेवा क्षेत्र को नुकसान पहुँच सकता है, क्योंकि इससे संसाधनों का आवंटन कृषि की ओर हो सकता है।
  • भ्रष्टाचार का जोखिम: सब्सिडी और अन्य सहायता प्रदान करने में भ्रष्टाचार का जोखिम रहता है, जिससे सरकारी धन का दुरुपयोग हो सकता है और किसानों को वास्तविक लाभ नहीं मिल पाएंगे।
  • व्यापार पर असर: अंतरराष्ट्रीय व्यापार समझौतों के तहत दायित्वों को पूरा करने में मुश्किल हो सकती है, अगर घरेलू कृषि उत्पादों को बहुत अधिक समर्थन दिया जाता है।

निष्कर्ष:

किसानों की मांगों को पूरा करने के सरकार के फैसले के दूरगामी परिणाम हो सकते हैं। इन फैसलों को लेते समय सरकार को सावधानी से सभी पहलुओं पर विचार करना चाहिए और संभावित लाभों और हानियों का संतुलन बनाना चाहिए। साथ ही, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि दी गई सहायता प्रभावी ढंग से लागू की जाए और इसका वास्तविक लाभ किसानों तक पहुंचे।

दोस्तों इस किसान आंदोलन को लेकर आपका क्या विचार है आप कमेंट बॉक्स में जरूर डालें..

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