UP Police Constable Paper Leak News : दोस्तों UP पुलिस में कॉन्स्टेबल की भर्ती के लिए 48, लाख से ज़्यादा उम्मीदवारों ने आवेदन किया है और उनकी परीक्षा चल रही है इसी बीच एक बहुत ही बड़ी ख़बर आयी है UP पुलिस का कांस्टेबल का पेपर लीक हो गया है हालाँकि इसमें कितनी सच्चाई है वो हम इस आर्टिकल में देखेंगे और क्या सच में UP पुलिस का पेपर लीक हुआ है या फिर नहीं चले देखते हैं |
UP Police Constable Paper Leak News
दरअसल UP पुलिस के 60244 पदों के लिए परीक्षा चल रही है और इस परीक्षा में अभी एक बहुत ही बड़ी ख़बर यह आयी थी इसका पेपर लीक हो गया है हालाँकि इस बात की अभी तक पुष्टि नहीं हुई है लेकिन अगर आप ट्विटर पर जाकर देखेंगे तो आपको बोहोत सारे ऐसे कॉमेंट मिलेंगे जिससे ये प्रूफ़ होता है कि इसका पेपर सच में रिलीज़ हुआ है |
हालाँकि UPPRPB ने पेपर लीक होने संबंधी बात को बिलकुल ग़लत बताया है उन्होंने कहा है कि जो भी फ़र्ज़ी न्यूज़ फैला रहे हैं उनके ख़िलाफ़ UP पुलिस सख़्त क़दम लेने वाली है लेकिन उसके बावजूद भी ऐसा लगता है कि अब पेपर सच में लीक हुआ है क्योंकि अगर आप उनके कॉमेंट में जाकर देखेंगे तो काफ़ी सारे पेपर जो है वो काफ़ी यूज़र्स ने वहाँ पर पोस्ट किए हैं जिससे ऐसा प्रूफ़ होता है कि ये पेपर सच में लीक हुआ है अब इसकी सच्चाई क्या है वो अब आने वाले समय में पता चलेगी लेकिन अभी ऐसा लग रहा है कि यह पेपर सच में लीक हुआ है |
पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा में नकल माफिया का भंडाफोड़, 21 गिरफ्तार!
शनिवार को, उत्तर प्रदेश में पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा में नकल माफिया गिरोह के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए, एटा, बिजनौर और फिरोजाबाद से जुड़े 21 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इन लोगों पर अनुचित साधनों का उपयोग कर परीक्षा में धोखाधड़ी करने की साजिश रचने का आरोप है।
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गिरफ्तारियों का ब्योरा:
- एटा: 15 गिरफ्तार
- बिजनौर: 1 गिरफ्तार (फिंगरप्रिंट जांच के दौरान)
- फिरोजाबाद: 4 गिरफ्तार
- बलिया: 1 गिरफ्तार (8.99 लाख रुपये बरामद)
- शामली: 1 उम्मीदवार हिरासत में (बायोमीट्रिक पहचान में विफलता)
पुलिस अधिकारियों के अनुसार सभी गिरफ्तार किए गए लोगों से पूछताछ की जा रही है। यह कार्रवाई शनिवार को आयोजित उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती और प्रमोशन बोर्ड की परीक्षा के मद्देनजर की गई थी। पूरे प्रदेश में पुलिस और स्थानीय प्रशासन परीक्षाओं में किसी भी तरह की धोखाधड़ी को रोकने के लिए सतर्क रहा।
नकल माफिया पर नकेल कसने की कोशिश:
यह गिरफ्तारियां नकल माफिया के खिलाफ पुलिस की सख्त कार्रवाई का स्पष्ट संकेत हैं। इससे उम्मीद की जाती है कि भविष्य में होने वाली परीक्षाओं में नकल करने की घटनाओं में कमी आएगी और पुलिस भर्ती प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से संचालित हो सकेगी।
परीक्षा केंद्रों पर कड़ी सुरक्षा:
परीक्षा की शुचिता बनाए रखने के लिए पुलिस ने कई कदम उठाए थे। परीक्षा केंद्रों के आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी। साथ ही, विशेष जांच टीमें तैनात की गई थीं, जो परीक्षा में शामिल होने वाले उम्मीदवारों की सख्ती से जांच कर रही थीं। परीक्षा केंद्रों पर इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के इस्तेमाल पर भी पूरी तरह से प्रतिबंध था।
नकल रोकने के लिए उठाए गए कदम:
इस तरह की कार्रवाइयां और सख्त सुरक्षा उपायों से उम्मीद की जाती है कि भविष्य में पुलिस भर्ती परीक्षाओं में धोखाधड़ी और नकल पर प्रभावी नियंत्रण रखा जा सकेगा। यह योग्य और मेहनती उम्मीदवारों को सफल होने का समान अवसर प्रदान करेगा और पुलिस बल में योग्य और ईमानदार लोगों की भर्ती सुनिश्चित करेगा।
बिजनौर में फिंगर प्रिंट जांच में सॉल्वर गिरफ्तार!
बिजनौर शहर के रूट्स इंटरनैशनल स्कूल परीक्षा केंद्र पर पुलिस ने फिंगरप्रिंट जांच के दौरान एक सॉल्वर को गिरफ्तार किया। आरोपी, अभिनव, बिहार का रहने वाला है और बिजनौर के परीक्षार्थी, आशीष, की जगह परीक्षा देने आया था। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है।
बिजनौर में कुल 32 परीक्षा केंद्रों पर 16248 परीक्षार्थी पंजीकृत थे। जिले को चार जोन और 11 सेक्टर में बांटा गया था।
फिरोजाबाद में 5 लाख रुपये में सॉल्वर गिरफ्तार!
फिरोजाबाद पुलिस, एसओजी और सर्विलांस टीम ने पुलिस भर्ती परीक्षा में फर्जी परीक्षार्थी बैठाने वाले सॉल्वर गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है। ये सॉल्वर 5 लाख रुपये में उम्मीदवारों की जगह फर्जी परीक्षार्थी बैठाने का काम करते थे।
एसपी सिटी सर्वेश कुमार मिश्रा के अनुसार, गिरफ्तार सॉल्वर गिरोह का सरगना हरिशंकर है जो एक कंप्यूटर सेंटर संचालक है। उसके साथ रामनेश,अभिषेक यादव और नितिन यादव भी गिरफ्तार किए गए हैं। हरिशंकर ने अभिषेक और नितिन की जगह दूसरे परीक्षार्थी बैठाने के लिए 5-5 लाख रुपये में सौदा किया था और कुछ रुपये एडवांस भी दे दिए थे।
नकल माफिया पर नकेल कसने की कोशिश
यह गिरफ्तारियां नकल माफिया के खिलाफ पुलिस की सख्त कार्रवाई का संकेत हैं। इससे उम्मीद की जाती है कि भविष्य में होने वाली परीक्षाओं में नकल की घटनाओं में कमी आएगी और पुलिस भर्ती प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से संचालित हो सकेगी।