Sangam Vihar Lateat News : क्या टूट जाएगा दिल्ली का पूरा संगम विहार ? संगम विहार दिल्ली के दक्षिणी भाग में स्थित एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। यह दिल्ली के ग्रेटर कैलाश-II विधानसभा क्षेत्र में आता है। यह क्षेत्र 1970 के दशक में विकसित किया गया था और यहाँ मुख्य रूप से निम्न-आय वाले परिवार रहते हैं। तो आइए जानते हैं संगम विहार से जुड़ी हुई अभी हाल ही में कुछ घाटनाएं के बारे में..
संगम विहार में क्यों चला बुलडोजर?
दोस्तों हाल ही में संगम विहार में अचानक बहुत सारे मकानों को तोड़ दिया गया! वहां के लोगों का कहना है कि उन्हें गलत समय पर साजिश केतहत सिर्फ 2 दिन पहले वह भी शनिवार को नोटिस दिया गया था ता कि कोई कोर्ट भी ना जा सके और कोर्ट से स्टे ना ले सके जबकी वह नोटिस 9/02/24 और उन्हें 24/02/24 तारीख को दिया गया शनिवार के दिन लोगों को जबरन घर से बाहर निकला गया वहां पुलिस बल और सेना के द्वार और सभी के समान के साथ घर को तोड़ दिया गया 10 करोड़(अनुमान)का नुक्सान हुआ कुल सभी गरीबों का नुक्सान को मिलाकर हमने वहां पर मोइना किया मोइना करने पर यहां सामने आया है कि जंगल वालों की जो बाउंड्री है 1990 में ही दी गई थी(वहां के लोगन के अनुसर जो वहां पहले से रहते थे) लोगों का मकान जो है वह सीमा से बाहर थी जंगल के अंदर नहीं थी लोगों का कहना हना है कि हमने सीमा को देखकर अपनी जमीन को लिया क्योंकि पूरा से संगम विहार तो अवैध ही है और दिल्ली में 60% अवैध कॉलोनिया है जिसे सरकार ने पास करने का वादा किया था काफी सारे लोग लगभाग 5 से 10 साल से वहां रह रहे थे,लोगों का ये भी कहना है अगर ये ज़मीन जंगल की थी तो वाह लोग घर बना रहे थे तब उन्हें किसी जंगल वाले ने कभी ये आपत्ति नहीं की थी वाह उनकी जमीन में क्यों घर बना रहे हैं वहां मुहाना करने पर यह भी देखा गया कि उनको बीएसईएस जो कि एक बहुत ही जानी मनी बिजली की संस्था है उनके द्वार सभी के घरों में मीटर लगा हुआ है और लगभाग 200 यूनिट बिजली जो कि दिल्ली सरकार ने वादा किया वह उसका भी फ़ायदा उठा रहे थे,यादी वह जमीन अवैध थी तो वहां बिजली क्यों मिली लोगों को पहले ही क्यों नहीं वहां से हटा दिया गया आख़िर कब तक यह जुल्म गरीब लोग सहते रहेंगे भारत देश पर इनका हक नहीं है क्या ये भारत देश के रहने वाले नहीं है क्या इनका पूर्वज जो है आजादी में अपने देश का साथ नहीं दिया,यहां तक कि उनका यहां भी कहना है कि जब वहां घर की तोड़फोड की जा रही थी तो के बड़े बड़े पत्रकार जो है वहां नहीं पाहुंचे और ना ही कोई वहां के नेता वहां पहुंचें जो वोट के समय में वोट मंगने के लिए पहुंचते थे उन्हें असहाय और बेबस छोड़ दिया गया,एक तरफ तो मोदी सरकार सभी गरीबों को पक्की मकान देने की बातें कर रही है और दे भी रही है,लेकिन वहां मजदूरों ने गरीबों ने अपने मेहनत के दाम पर जो मकान बनाया उसे ले भी रही है क्या इस देश में गरीबों के साथ हमेशा ऐसा अन्याय होता रहेगा या कभी न्याय भी मिलेगा जिन्होनें वहां जमीन बेची थी वहां भी वहां मौजुद थे उनका कहना था कि वहां साजिश के तहत उनके साथ यह बहुत ही बड़ा बहुत ही नींदनई नहीं घटनाअंजाम दिया गया उनका क्या कहना था 1 फरवरी का नोटिस लोगों को 24 तारीख शनिवार के दिन दिया गया ताकी लोग अपने लिए कोर्ट भी ना जा सके जंगल की ज़मीन थी भी तो उन्हें कुछ दिनों का मल्होत्रा दिया जा सके ताकि वह अपने समान को सही जगह पर पाहुंचा सके वहां कुछ घरों में गर्भवती महिलाएं कुछ बच्चे जिनका अभी दशमी का बोर्ड का एग्जाम चल रहा था बच्चे पेपर ना दे पाये और गर्भवती महिलाएं दर्द से पीड़ित परी रही लेकिन किसी ने भी इस क्या जुल्म को नहीं को नहीं रोका कुछ लोगों ने अपनी सारी जिंदगी की पेंशन लगाकर वहां जमीन खरीदी थी, कुछ लोग वहां ऐसे भी थे जो गली गली में समान बेचकर एक पाई पाई जोड़ जोड़ के अपने सपनों का महल खड़ा किया था 20 से 25 गज में जमीन बेचने वाले डीलर का यहीं कहना है कि उनका जमीन सही था और वह उन्हें कोर्ट में अपनी डाली ले राखी है लोगों को इंसाफ मिलेगा लेकिन दोस्तों इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए ताकि सारा मामला पता चल सके और गरीब लोगों को उनका हक मिल सके क्यूंकी लोगों ने वहां अवैध कब्ज़ा नहीं किया था उनको बहुत ही मेहनतऔर परिश्रम से से जमीं ख़रिदा था दोस्तो अगर ये ज़मीन अवैध ही थी तो इसे अवैध जंगल वालों ने ही बनाया है एक समय में शायद इन्होने पैसे लेकर अपनी सीमा को अंदर ले लिया अन्दर ले लिया होगा और शायद जिस जंगल वाले अफसर ने इसका पैसा खाया होगा वहां रिटायर होकर कहीं और चला गया होगा और अभी जो नया अफसर आया होगा उन्हें घुस तो चाहिए ही क्योंकि आपको पता ही है जितने भी सरकारी अफसर हैं लगभाग उन्हें घुस खाने की आदत लगी पड़ी होती है! काम जायज हो या नजयज फिल्हाल में कुछ लोग वहां अभी 1,2 महीना पहले घर बना रहे तो जंगल वालों ने उनसे कुछ पैसे मांगे की डिमांड की और बोला आप घर बनाओ कोई दिक्कत नहीं होगी वो लोग इनकी इस बात को नहीं माने और जिनसे ज़मीन लिया था उनको ये खबर बताई क्योंकि सभी के पास उनके जमीन के पेपर दिए गए थे और डीलर का कहना था कि ये जमीन उनकी रजिस्ट्री है जो कि अन्होन बब्बर खालसा ने एक समय रजिस्ट्री के साथ खरीदारी थी,याह बात सुनकर वाह आप वापस अपने घर चले गए हैं और घर बनाने लगे लेकिन कुछ ही हफ्ते बाद वह जंगल के गार्ड पहुंचकर उनसे वापस घुस की डिमांड करने लगे महिलाएं और वहां के निवासी गार्ड के पीछे डंडे लेकर भागे क्यों की वह बार बार परेशां न करें लेकिन इस घाटना का अन्होने बहुत अच्छे साजिश के तहत बहुत बड़ा नुक्सान के साथ उन गरीब लोगों को लौटा दिया गरीबों को बेघर करके लेकिन सारी बातों का क्या सच है या क्या झूठ है याह सीबीआई के जांच से ही पता चलेगा लेकिन लेकिन दोस्तों इने गरीबों को न्याय मिलना चाहिए और दिल्ली ही नहीं दिल्ली के बाहर भी जितनी भी कच्ची कॉलोनी है जिन पर अवैध निर्माण हुआ है उन सभी को या तो वैध कर देना चाहिए या फिर लोगों को उनके मुआवजे के साथ उन्हें कहीं मकान दे देना चाहिए जिसे कि ना उन गरीबों का नुक्सान हो ना ही देश का नुक्सान हो|दोस्तों इस मैसेज को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि मोदी सरकार तक पहुंच सके और गरीबों को न्याय मिल सके और इस मैसेज को इसलिए भी शेयर करें क्योंकि ये काफी सारे शहरों में है गरीब तपके के लोग जो हैं तो कच्ची कॉलोनियों में ही रहते हैं वह कहां जाएंगे यादी आप भी कच्ची कॉलोनी में रहते हैं या आपका मकान कच्ची कॉलोनी में हो तो इसे शेयर करें ताकि इसे सरकार संज्ञान में लेकर पक्की कॉलोनी में घोशित करें इससे जुड़ी कुछ और भी जानकरी आपके पास है तो आप हमन कमेंट करें या मेल आईडी में जरूर मैसेज करें ताकि हम लोगन तक सच्ची खबर पाहुंचा साके ..
NOTE: दोस्तों ये सारी जानकारी वहां के लोगों के द्वार दिया गया है इसकी पूरी पुष्टि हम नहीं करते हैं,सरकार को इन खबर को संग्ज्ञान में लेकर इसकी सत्य पुष्टि कर लोगों को इन्साफ दिलाना चाहिए..
B. संगम विहार का दिल्ली के भूगोल और जनसांख्यिकी के संदर्भ में महत्व
- भूगोल: संगम विहार दक्षिण दिल्ली के मध्य में है। मुख्य मेरौली बदरपुर रोड पर बहुत अच्छी कनेक्टिविटी, गोविंगपुरी और साकेत दोनों मेट्रो स्टेशन सिर्फ 2 किमी दूर हैं। बस पैदल दूरी पर बाजार, अस्पताल और मॉल और यह सभी पॉश इलाकों से घिरा हुआ है।संगम विहार विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र दिल्ली में स्थित एक विधान सभा क्षेत्र है। यह दक्षिण दिल्ली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अन्तर्गत आता है।
- जनसांख्यिकी: संगम विहार इस क्षेत्र की जनसंख्या 208471 है। पुरुष और महिला जनसंख्या क्रमशः 112168 और 96303 है, इनमें से अधिकांश लोग प्रवासी हैं और उत्तर प्रदेश, बिहार और राजस्थान जैसे राज्यों से आए हैं।
C. संगम विहार के संभावित खतरों का परिचय
संगम विहार कई संभावित खतरों का सामना करता है, जिनमें शामिल हैं:
एशिया की सबसे बड़ी अनधिकृत कॉलोनी संगम विहार की गलियां बेहद संकरी हैं। सड़क का एक किनारा घरों, दुकानों और राहगीरों द्वारा फेंके गए कूड़े-कचरे से भरा हुआ है, दूसरे किनारे को खोद दिया गया है, जिससे सड़कें और भी संकरी हो गई हैं। मोटरसाइकिलें, ई-रिक्शा, गायें और पैदल यात्री सभी जगह के लिए लड़ते हैं। वही लड़ाई लड़ रहा है एक टैंकर-वाला, जो अपने वाहन को चला रहा है, जो इतनी छोटी सड़क के लिए एक विशाल वाहन है, और रास्ते में हर किसी से शाप प्राप्त कर रहा है।
अनधिकृत या नहीं, संगम विहार के घर भारत के राजनीतिक केंद्र और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का एक हिस्सा हैं। पानी के लिए, निवासियों के पास मोटर पंप स्थापित करने या पानी के टैंकरों की प्रतीक्षा करने का विकल्प है। हालाँकि, चूंकि ये घर या तो नालियों से जुड़े नहीं हैं या नालियों के बिना मौजूद हैं, इसलिए सीवेज को बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं मिलता है। संगमविहार की पूरी कॉलोनी शहर की मुख्य सीवर लाइन से नहीं जुड़ी है।इलाकों में हर कुछ मीटर की दूरी पर कचरे और पानी के बड़े-बड़े गड्ढे देखे जा सकते हैं। यह समस्या मानसून के महीनों में सबसे अधिक स्पष्ट होती है जब सड़क और नाले के बीच अंतर करना मुश्किल हो जाता है। हालाँकि, लोगों ने सड़क पर गंदगी के साथ रहना सीख लिया है, लेकिन घरों से निकलने वाला सीवेज एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है। संगम विहार के घर पुराने नहीं हैं, प्रत्येक घर में अपना शौचालय है, जो बाद में उसके सेप्टिक टैंक से जुड़ा होता है। आदर्श रूप से, सेप्टिक टैंक को शहर के सीवेज में प्रवाहित होना चाहिए, लेकिन जब घरों में सीवेज सिस्टम से कोई कनेक्शन नहीं है तो यह कहां जाता है? दोस्तों अगर संगम विहार अनधिकृत कॉलोनी है तो इसे जो है तो कॉलोनी पास करना चाहिए क्योंकि हमेशा गरीबों को वोट बैंक की नजर से नहीं देखना चाहिए क्योंकि बहुत सारी गरीबी यहां रहते हैं क्या देश पर गरीबों का भी अधिकार है क्योंकि गरीबी इस देश को आगे ले जाते हैं मजदूर वर्ग के लोग|
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- प्रदूषण: संगम विहार दिल्ली के सबसे प्रदूषित क्षेत्रों में से एक है। यहाँ वायु प्रदूषण और जल प्रदूषण दोनों ही गंभीर समस्याएं हैं।
- अपराध: संगम विहार में अपराध दर दिल्ली के बाकी हिस्सों की तुलना में अधिक है। यहाँ चोरी, डकैती और हत्या जैसे अपराध आम हैं।
- गरीबी: संगम विहार में गरीबी एक बड़ी समस्या है। यहाँ के अधिकांश लोग गरीबी रेखा से नीचे जीवन जीते हैं।
- अस्वच्छता: संगम विहार में अस्वच्छता एक बड़ी समस्या है। यहाँ कूड़े और कचरे का उचित प्रबंधन नहीं होता है।
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II. बाढ़ का खतरा
यहां बरसात के मौसम में अक्सर बाढ़ का माहौल होता है सारी दुकानें डूब जाती हैं लोगों को सड़क तक पहुंचने में बहुत तकलीफ होती है ऑफिस रैंक में काम करने वाले लोगों को बहुत ही परेशानी उठाना पड़ता है वह हाथ में जूता लेकर अपने फुल पैंट को घुटने तक मोड़ कर पानी में तैरते हुए ऑफिस पहुंचते हैं
III. प्रदूषण का खतरा
दोस्तों वैसे वायु प्रदूषण का खतरा तो पुरी दिल्ली में में ही है क्योंकि आपको पता ही है कि प्रदूषण का इंडेक्स हमेशा दिल्ली में ऊंचा ही रहता है संगम विहार भी दिल्ली के सबसे प्रदूषित क्षेत्रों में से एक है। यहाँ वायु प्रदूषण और जल प्रदूषण दोनों ही गंभीर समस्याएं हैं। वायु प्रदूषण के कारण यहाँ के लोगों को में तकलीफ होती है और कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं। जल प्रदूषण के कारण यहाँ के लोगों को साफ पानी नहीं मिल पाता है।
IV. अपराध का खतरा
वैसे दिल्ली में भी अपराध के मामले बहुत होते रहते हैं तो संगम विहार में भी अपराध होना तो लाज़मी है संगम विहार में अपराध दर दिल्ली के बाकी हिस्सों की तुलना में अधिक है। यहाँ चोरी, डकैती और हत्या जैसे अपराध आम हैं। अपराध के कारण यहाँ के लोग असुरक्षित महसूस करते हैं।
V. गरीबी का खतरा
संगम विहार में गरीबी एक बड़ी समस्या है। यहाँ के अधिकांश लोग गरीबी रेखा से नीचे जीवन जीते हैं। गरीबी के कारण यहाँ के लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य बुनियादी सुविधाओं तक पहुंच नहीं मिल पाती है।
VI. अस्वच्छता का खतरा
संगम विहार में अस्वच्छता एक बड़ी समस्या है। यहाँ कूड़े और कचरे का उचित प्रबंधन नहीं होता है। अस्वच्छता के कारण यहाँ के लोगों को बीमारियों का खतरा अधिक होता है।
II. शहरी बुनियादी ढांचे की चुनौतियाँ
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A. संगम विहार में भीड़भाड़ और जनसंख्या की घनत्व
संगम विहार एक घनी आबादी वाला क्षेत्र है। यहाँ प्रति वर्ग किलोमीटर लगभग 40,000 लोग रहते हैं। यह दिल्ली के बाकी हिस्सों की तुलना में काफी अधिक है। उच्च जनसंख्या घनत्व के कारण, संगम विहार में कई बुनियादी ढांचे की चुनौतियाँ हैं, जिनमें शामिल हैं:
- आवासीय समस्या: संगम विहार में आवास की कमी है। यहाँ के अधिकांश लोग छोटे और अव्यवस्थित घरों में रहते हैं।
- परिवहन समस्या: संगम विहार में सड़कें संकरी और खराब स्थिति में हैं। यहाँ सार्वजनिक परिवहन भी अपर्याप्त है।
- जल आपूर्ति और स्वच्छता: संगम विहार में पानी की आपूर्ति अनियमित है। यहाँ सीवेज सिस्टम भी अपर्याप्त है।
- स्वास्थ्य सेवा: संगम विहार में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी है। यहाँ पर्याप्त डॉक्टर और अस्पताल नहीं हैं।
- शिक्षा: संगम विहार में शिक्षा की सुविधाओं की कमी है। यहाँ पर्याप्त स्कूल और कॉलेज नहीं हैं।
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