उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) द्वारा समीक्षा अधिकारी (आरओ) और सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) पदों के लिए भर्ती के लिए यूपीपीएससी आरओ / एआरओ परीक्षा आयोजित की जाती है। ये पद उत्तर प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों में ग्रेड-3 स्तर के होते हैं।
RO-ARO परीक्षा रद्द करने की मांग क्यू उठ रही है:
RO-ARO परीक्षा रद्द करने की मांग उठ रही है, जिसके कई कारण बताए जा रहे हैं। आइए, इनका विस्तार से विश्लेषण करें:
मांग उठने के कारण:
- पेपर लीक होने का दावा: कुछ अभ्यर्थियों और अन्य लोगों का आरोप है कि परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक हो गया था, जिससे परीक्षा की निष्पक्षता बाधित हुई। इसीलिए परीक्षा रद्द करने की मांग की जा रही है।
- परीक्षा कठिन होने का दावा: कुछ अभ्यर्थियों का यह भी कहना है कि परीक्षा का स्तर बहुत कठिन था, जिससे अधिकांश अभ्यर्थी अच्छे से प्रयास नहीं कर पाए। इसलिए ये अभ्यर्थी परीक्षा दोबारा कराने की मांग कर रहे हैं।
यूपीपीएससी का रुख:
यद्यपि परीक्षा रद्द करने की मांगें उठ रही हैं, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है। आयोग ने बताया है कि वह पूरे मामले की जांच कर रहा है और जल्द ही निर्णय लेगा।
आपके लिए उपयोगी संसाधन:
- यूपीपीएससी आधिकारिक वेबसाइट: https://uppsc.up.nic.in/
- खबरों और अपडेट के लिए: प्रमुख समाचार पत्रों और वेबसाइटों को देखें।
महत्वपूर्ण नोट:
यह सूचना 14 फरवरी 2024 तक प्रासंगिक है। परीक्षा रद्द करने या दोबारा कराने के संबंध में भविष्य में कोई भी निर्णय यूपीपीएससी द्वारा ही लिया जाएगा।
क्या यह एग्जाम दोबारा होगी!
यह कहना मुश्किल है कि RO ARO परीक्षा रद्द होगी या नहीं। पेपर लीक होने का दावा होने के साथ ही कुछ का कहना है कि पेपर काफी कठिन भी था। हालांकि, अभी तक यूपीपीएससी ने परीक्षा रद्द करने के बारे में कोई फैसला नहीं लिया है। उनका कहना है कि मामले की जांच चल रही है और जल्द ही फैसला होगा।
अगर पेपर लीक का आरोप सच साबित हो जाए, तो परीक्षा रद्द होने की संभावना बढ़ जाती है। लेकिन सिर्फ पेपर कठिन होने का दावा है, तो परीक्षा रद्द होने की संभावना कम है।
RO-ARO EXAM कैंसिल होने पर नुकसान और फायदे:
नुकसान:
- अभ्यर्थियों का समय और पैसा बर्बाद: यदि परीक्षा रद्द कर दी जाती है, तो अभ्यर्थियों का परीक्षा की तैयारी में लगाया गया समय और पैसा बर्बाद हो जाएगा।
- अनिश्चितता: परीक्षा रद्द होने से अभ्यर्थियों में अनिश्चितता की स्थिति पैदा हो जाएगी। उन्हें यह नहीं पता होगा कि उन्हें आगे क्या करना है।
- भर्ती प्रक्रिया में देरी: परीक्षा रद्द होने से भर्ती प्रक्रिया में देरी होगी।
फायदे:
- निष्पक्षता सुनिश्चित: यदि पेपर लीक हुआ है, तो परीक्षा रद्द करने से निष्पक्षता सुनिश्चित होगी।
- सभी अभ्यर्थियों के लिए समान अवसर: परीक्षा रद्द करने से सभी अभ्यर्थियों को समान अवसर मिलेगा।
- बेहतर परीक्षा आयोजित करने का मौका: यूपीपीएससी को बेहतर परीक्षा आयोजित करने का मौका मिलेगा।
निष्कर्ष:
RO-ARO EXAM कैंसिल होने पर नुकसान और फायदे दोनों हैं। यूपीपीएससी को सभी पहलुओं पर विचार करके फैसला लेना होगा।
यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है:
- यह सूचना 14 फरवरी 2024 तक प्रासंगिक है।
- परीक्षा रद्द करने या दोबारा कराने के संबंध में भविष्य में कोई भी निर्णय यूपीपीएससी द्वारा ही लिया जाएगा।
छात्र RO ARO परीक्षा रद्द करने की मांग क्यों कर रहे हैं
RO-ARO परीक्षा पैटर्न:
- परीक्षा में प्रारंभिक परीक्षा और मुख्य परीक्षा दो चरण होते हैं।
- प्रारंभिक परीक्षा वस्तुनिष्ठ प्रकार की होती है और इसे पास करने के लिए मुख्य परीक्षा में बैठने की पात्रता मिलती है।
- मुख्य परीक्षा वर्णनात्मक प्रकार की होती है और इसमें सामान्य अध्ययन और हिंदी विषय से प्रश्न पूछे जाते हैं।
पात्रता मानदंड:
- उम्मीदवार को स्नातक डिग्री धारक होना चाहिए।
- आयु सीमा 21 से 42 वर्ष (सरकारी नियमों के अनुसार आरक्षित वर्गों के लिए छूट)
- यूपी का अधिवास होना आवश्यक है।
हिंदी में संसाधन:
- यूपीपीएससी आरओ / एआरओ आधिकारिक वेबसाइट: https://uppsc.up.nic.in/
- नमूना प्रश्न पत्र: पिछले वर्षों के परीक्षा के प्रश्न पत्र आयोग की वेबसाइट से डाउनलोड किए जा सकते हैं।
- कोचिंग संस्थान और ऑनलाइन पोर्टल: कई कोचिंग संस्थान और ऑनलाइन पोर्टल हिंदी में अध्ययन सामग्री और मॉक टेस्ट प्रदान करते हैं।
कुछ अतिरिक्त बातें:
- परीक्षा की तैयारी के लिए समाचार पत्र और करेंट अफेयर्स पत्रिकाएं पढ़ना भी फायदेमंद हो सकता है।
- अपनी हिंदी भाषा कौशल को सुधारने पर ध्यान दें।
- मॉक टेस्ट देकर अभ्यास करें।
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