Abu Dhabi ka pahla Hindu Mandir
Abu Dhabi ka pahla Hindu Mandir

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अबू धाबी में हिंदू मंदिर: एक ऐतिहासिक क्षण

Abu Dhabi ka pahla Hindu Mandir : आपने सुना होगा कि संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी अबू धाबी में एक भव्य हिंदू मंदिर का निर्माण किया गया है। यह मंदिर, जिसे बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (BAPS) हिंदू मंदिर के नाम से जाना जाता है, 14 फरवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटित किया गया।

मंदिर का महत्व:

  • 27 एकड़ में फैला यह विशाल मंदिर, दुबई-अबू धाबी शेख जायेद हाइवे पर अल रहबा के पास स्थित है।
  • 2019 में शुरू हुआ निर्माण कार्य अब पूरी तरह से समाप्त हो चुका है।
  • इस मंदिर के लिए जमीन संयुक्त अरब अमीरात सरकार द्वारा दान में दी गई थी।
  • यह मंदिर, अबू धाबी में पहला हिंदू मंदिर होने के साथ-साथ, संयुक्त अरब अमीरात में भी सबसे बड़ा हिंदू मंदिर होगा।

यह क्षण क्यों महत्वपूर्ण है?

  • यह मंदिर, संयुक्त अरब अमीरात में रहने वाले लाखों हिंदुओं के लिए धार्मिक स्वतंत्रता और सहिष्णुता का प्रतीक है।
  • यह भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच बढ़ते संबंधों का भी प्रतीक है।
  • यह मंदिर, दुनिया भर में हिंदू समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल बनने की क्षमता रखता है।

कितने रुपये में बना है यह हिंदू मंदिर?

अबू धाबी, संयुक्त अरब अमीरात: 14 फरवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अबू धाबी में बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (BAPS) हिंदू मंदिर का उद्घाटन किया। 27 एकड़ में फैला यह भव्य मंदिर अब इतिहास में अपनी सुंदरता और आध्यात्मिक महत्व के लिए अंकित हो चुका है।

Abu Dhabi ka pahla Hindu Mandir

निर्माण और लागत:

  • मंदिर का निर्माण 2019 में शुरू हुआ था और 2022 में पूरा होने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इसमें देरी हुई।
  • मंदिर के निर्माण में लगभग 700 करोड़ रुपये खर्च हुए है।
  • यह मंदिर खाड़ी क्षेत्र में सबसे बड़ा हिंदू मंदिर बन गया है।

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विशेषताएं:

  • मंदिर पत्थर पर उत्कृष्ट वास्तुकला का प्रदर्शन करता है।
  • इसका निर्माण भारतीय कारीगरों ने किया था जो पारंपरिक हिंदू मंदिर वास्तुकला में विशेषज्ञ हैं।
  • मंदिर में भगवान स्वामीनारायण, शिव, राम, सीता, कृष्ण और अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित हैं।
  • अबू धाबी में भव्यता का प्रतीक: BAPS हिंदू मंदिर
  • 2024 में, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की राजधानी अबू धाबी में एक ऐतिहासिक क्षण का गवाह बना। 14 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने BAPS हिंदू मंदिर का उद्घाटन किया, जो 27 एकड़ में फैला हुआ है और अपनी भव्यता, शिल्पकला और आध्यात्मिक महत्व के लिए जाना जाएगा।
  • यह मंदिर 2017 में रखी गई आधारशिला से धीरे-धीरे सपने से हकीकत में बदल गया।
  • मंदिर के निर्माण में संगमरमर और बलुआ पत्थर का इस्तेमाल हुआ है, जो इसे एक अनूठा रूप देता है।
  • मंदिर की दीवारों और स्तंभों पर हाथ से नक्काशी की गई है, जो इसकी सुंदरता में चार चाँद लगाती है।
  • मंदिर में भगवान स्वामीनारायण, शिव, राम, सीता, कृष्ण और अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित हैं।
  • देश के प्रत्येक अमीरात का प्रतिनिधित्व करने वाली सात मीनारें मंदिर की भव्यता को और बढ़ाती हैं।

महत्व:

  • यह मंदिर संयुक्त अरब अमीरात में रहने वाले लाखों हिंदुओं के लिए धार्मिक स्वतंत्रता और सहिष्णुता का एक स्थायी प्रतीक बन गया है।
  • यह भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच बढ़ते संबंधों का भी प्रतीक है।
  • दुनिया भर के हिंदू समुदाय के लिए यह मंदिर एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल बनने की क्षमता रखता है।

अबू धाबी में भव्यता का प्रतीक: BAPS हिंदू मंदिर

2024 में, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की राजधानी अबू धाबी में एक ऐतिहासिक क्षण का गवाह बना। 14 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने BAPS हिंदू मंदिर का उद्घाटन किया, जो 27 एकड़ में फैला हुआ है और अपनी भव्यता, शिल्पकला और आध्यात्मिक महत्व के लिए जाना जाएगा।

महत्व:

  • यह मंदिर यूएई में रहने वाले लाखों हिंदुओं के लिए धार्मिक स्वतंत्रता और सहिष्णुता का प्रतीक है।
  • यह भारत और यूएई के बीच बढ़ते संबंधों का भी प्रतीक है।
  • यह मंदिर दुनिया भर के हिंदू समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल बनने की क्षमता रखता है।

निष्कर्ष:

अबू धाबी का BAPS हिंदू मंदिर अपनी भव्यता, भक्ति और सांस्कृतिक महत्व के कारण अब इतिहास का हिस्सा है। यह मंदिर धार्मिक सहिष्णुता और सांस्कृतिक विविधता का एक प्रतीक बनकर दुनिया भर के लोगों को प्रेरित करता रहेगा,अपनी भव्यता, शिल्पकला और आध्यात्मिक महत्व के साथ, एक अनूठा और महत्वपूर्ण स्थान है। यह मंदिर धार्मिक सहिष्णुता, सांस्कृतिक विविधता और विश्व शांति का प्रतीक बनकर खड़ा रहेगा।

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